मनीष रिजाल, बिस्वास न्यूपाने, प्रबीन भंडारी और सागर अर्याल
परिचय: लक्षणात्मक बैक्टीरियूरिया (ASB) मूत्र पथ के संक्रमण (UTI) के लक्षणों के बिना किसी व्यक्ति के साफ़-शुद्ध मध्यधारा मूत्र के नमूने में 1 या 2 जीवाणु प्रजातियों के प्रति मिलीलीटर में कम से कम 105 कॉलोनी बनाने वाली इकाइयों (CFU) की उपस्थिति है। इस अध्ययन का उद्देश्य मधुमेह के रोगियों में स्पर्शोन्मुख बैक्टीरियूरिया की व्यापकता का निर्धारण करना और रोगाणुओं की रोगाणुरोधी संवेदनशीलता पैटर्न स्थापित करना था। कार्यप्रणाली: अगस्त 2012 से अप्रैल 2013 की अवधि के बीच नियमित रक्त शर्करा के आकलन के लिए डायबिटीज एंडोक्रिनोलॉजी और थायराइड केयर सेंटर, ललितपुर में आने वाले 30 वर्ष से अधिक उम्र के मधुमेह रोगियों से मूत्र का नमूना एकत्र किया गया था। मानक सूक्ष्मजीवविज्ञानी तकनीक का उपयोग करके संस्कृति और एंटीबायोटिक संवेदनशीलता परीक्षण किया गया था। परिणाम: इमिपेनम (100%), नाइट्रोफ्यूरेंटोइन (96%) और एमिकासिन (87%) मूत्र संबंधी आइसोलेट्स के खिलाफ सबसे संवेदनशील एंटीबायोटिक पाए गए। निष्कर्ष: मधुमेह रोगियों में एएसबी का प्रचलन अधिक है और खराब ग्लूकोज नियंत्रण को एक पूर्वगामी कारक माना जा सकता है। मधुमेह रोगियों के लिए नियमित मूत्र संस्कृति की सिफारिश की जा सकती है, भले ही कोई मूत्र संबंधी लक्षण न हो।