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कृत्रिम बुद्धिमत्ता: नैतिकता और शिक्षा पर जोर

एंड्रियास कापलान

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस निस्संदेह आज की दुनिया में कई बदलाव लाएगा। रोज़गार बाज़ारों में बड़े पैमाने पर बदलाव होंगे, जिसमें अधिक से अधिक स्वचालित नौकरियाँ होंगी और अन्य नई नौकरियाँ बनेंगी। यदि सभी नहीं तो बहुत से कर्मचारियों को नए कौशल हासिल करने होंगे, यदि वे बेरोज़गार नहीं होना चाहते और मशीन द्वारा प्रतिस्थापित नहीं होना चाहते। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक नई विश्व व्यवस्था की ओर ले जा सकता है, जिसमें चीन और अमेरिका एक ठंडी तकनीकी लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसमें यूरोप तस्वीर का हिस्सा भी नहीं है। विनियमन, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और कूटनीति का उद्देश्य प्रतिकूल प्रभावों को दूर करना होगा। इस परिदृश्य में, दो क्षेत्र विशेष रूप से महत्वपूर्ण होंगे: नैतिकता और शिक्षा।

अस्वीकृति: इस सारांश का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया है और इसे अभी तक समीक्षा या सत्यापित नहीं किया गया है।