मीना एन*,कोवस्की आर.डी.
उद्देश्य: इस समीक्षा का लक्ष्य शंकु बीम कंप्यूटेड टोमोग्राफी के सिद्धांतों और विभिन्न एंडोडॉन्टिक स्थितियों के प्रबंधन में इसके संभावित अनुप्रयोगों से संबंधित व्यापक जानकारी प्रदान करना है।
कार्यप्रणाली: जनवरी 2005 और 30 सितंबर 2013 के बीच की अवधि में प्रकाशित CBCT के एंडोडॉन्टिक अनुप्रयोगों से संबंधित लेखों के लिए PubMed का उपयोग करके एक संपूर्ण और व्यापक इलेक्ट्रॉनिक साहित्य खोज की गई थी । जानकारी प्राप्त करने के लिए 'CBCT के सिद्धांत', 'CBCT के एंडोडॉन्टिक अनुप्रयोग' जैसे खोज शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। केवल वे लेख जो CBCT के सिद्धांतों और विभिन्न एंडोडॉन्टिक अनुप्रयोगों से निपटते हैं, इस समीक्षा में शामिल किए गए हैं।
परिणाम: खोज से 258 लेख सामने आए, जिनमें से 70 इस समीक्षा के दायरे के लिए प्रासंगिक पाए गए इस उपकरण द्वारा प्रदान की गई जानकारी - शारीरिक और रोग संबंधी संरचनाओं का त्रि-आयामी दृश्य, जड़ और नहर की शारीरिक रचना का विवरण प्रदान करने की क्षमता , डेंटो-एल्वियोलर आघात का आकलन , जड़ पुनर्जीवन का आकलन, आदि ने कम समय में इसके व्यापक उपयोग में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
नैदानिक महत्व: सीबीसीटी का उपयोग विभिन्न स्थितियों जैसे डेंटो-एल्वियोलर आघात, जड़ पुनर्जीवन, प्रारंभिक शीर्षस्थ पेरिओडोंटाइटिस, असामान्य शारीरिक रचना वाली जड़ें और नहरें, दंत विसंगतियाँ आदि के प्रबंधन में किया जा सकता है। सीबीसीटी (दृश्य का केंद्रित क्षेत्र) की प्रभावी खुराक 5-38.3 μSv से भिन्न होती है। इंट्रा-ओरल पेरियापिकल रेडियोग्राफ और पैनोरमिक रेडियोग्राफ की प्रभावी खुराक क्रमशः Ë‚8.3 μSv और 9-26 μSv है। इस प्रकार सीबीसीटी की प्रभावी खुराक अन्य दंत रेडियोग्राफ के समान ही है, लेकिन इसकी त्रि-आयामी इमेजिंग क्षमता और 100% संवेदनशीलता (1.0) और विशिष्टता (1.0) इसे एंडोडोंटिक्स के क्षेत्र में एक अमूल्य उपकरण बनाती है।