रेमंड चा, सारा एम. मिचिएन्ज़ी और लामा हसाइकी
जबकि बहुऔषधि प्रतिरोधी ग्राम-नेगेटिव जीवों के कारण होने वाले संक्रमण दुनिया भर के अस्पतालों को प्रभावित करते हैं, नए एंटीबायोटिक दवाओं के घटते विकास के मद्देनजर मौजूदा रोगाणुरोधी उपचार विकल्पों का संरक्षण सर्वोपरि हो जाता है। व्यापक डेटा यह दर्शाता है कि फार्माकोकाइनेटिक/फार्माकोडायनामिक सिद्धांतों के अनुप्रयोग से नैदानिक और सूक्ष्मजीवविज्ञानी परिणामों को बढ़ाने की संभावना में सुधार होता है। ऐसे बढ़ते प्रमाण हैं जो दर्शाते हैं कि प्रतिकूल नैदानिक परिणाम और रोगाणुरोधी प्रतिरोध को दबाया जा सकता है जब बीटा-लैक्टम और कार्बापेनम एंटीबायोटिक दवाओं के लिए विशिष्ट फार्माकोकाइनेटिक/फार्माकोडायनामिक लक्ष्य प्राप्त किए जाते हैं। यह पत्र उन प्रासंगिक अध्ययनों पर प्रकाश डालता है जो इन सिद्धांतों और उनके अनुप्रयोग में योगदान करते हैं।