प्रशांत अग्रवाल, नीरज अग्रवाल, रितिका गुप्ता, मीनू गुप्ता और बिंदु शर्मा
पिछले तीन दशकों में एंटीबायोटिक प्रतिरोधी सूक्ष्म जीवों की संख्या में वृद्धि हुई है। मेथिसिलिन प्रतिरोधी स्टैफिलोकोकस ऑरियस (MRSA) और वैनकॉमाइसिन प्रतिरोधी एंटरोकोकस फेकेलिस (VRE) चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक समस्या है। यह जीव जले हुए रोगियों में गंभीर संक्रमण और मृत्यु का कारण बनता है। MRSA एक प्रमुख नोसोकोमियल रोगज़नक़ है। इस प्रकार हमारे अध्ययन का उद्देश्य विभिन्न पौधों के अर्क का उपयोग करके इन सूक्ष्म जीवों को नियंत्रित करना है। चार पौधों की प्रजातियाँ एग्रेटम कोनीज़ोइड्स, फिलांथस एम्ब्लिका, कैमेलिया साइनेंसिस और मेंथा लॉन्गिफ़ोलिया एकत्र की गईं और इथेनॉलिक निष्कर्षण के अधीन थीं। इथेनॉलिक अर्क का परीक्षण चिकित्सकीय रूप से पृथक मल्टीड्रग प्रतिरोधी एंटरोकोकस फेकेलिस और स्टैफिलोकोकस ऑरियस के विरुद्ध किया गया। स्टैफिलोकोकस ऑरियस और एंटरोकोकस फेकेलिस के लिए परिवर्तनीय सांद्रता पर इथेनॉलिक पौधों के अर्क तैयार किए गए थे। चिकित्सकीय रूप से पृथक स्टैफिलोकोकस ऑरियस और एंटरोकोकस फेकेलिस के विरुद्ध एमआरएसए के मद्देनजर सांद्रता आधारित विश्लेषण ने चयनित सूक्ष्म जीव के विरुद्ध अवरोध का क्षेत्र दिखाया जिसमें कैमेलिया साइनेंसिस स्टैफिलोकोकस ऑरियस के विरुद्ध तथा मेंथा लॉन्गिफोलिया एंटरोकोकस फेकेलिस के विरुद्ध शक्तिशाली पाया गया। भविष्य में विस्तृत अध्ययन के पश्चात इसे इन जीवों द्वारा उत्पन्न संक्रमणों पर काबू पाने के लिए एक शक्तिशाली जैव रासायनिक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।