जोशीता संकम
भारतीय हिमालयी क्षेत्र (IHR) विभिन्न संक्रामक रोगों के लिए स्थानिक है। हाल ही में, जलवायु परिवर्तन की घटना ने इन क्षेत्रों में समस्याओं को और बढ़ा दिया है, जिससे तीव्र और जटिल विकास संबंधी चुनौतियाँ पैदा हुई हैं। जलवायु परिवर्तन ने इस क्षेत्र में संक्रामक रोगों की तीव्रता और वितरण को भी प्रभावित किया है। उद्देश्य: इस अध्ययन का उद्देश्य 2009 से 2021 तक IHR क्षेत्र में संक्रामक रोगों की प्रवृत्ति और वितरण का विश्लेषण करना है।
विधियाँ: निष्कर्ष भारत के 13 IHR राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों पर केंद्रित थे। संक्रामक रोग प्रकोपों के विश्लेषण के लिए प्रमुख चर जून 2009 से अगस्त 2021 तक एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) की साप्ताहिक प्रकोप रिपोर्टों से एकत्र किए गए थे।
परिणाम: अध्ययन में पाया गया कि भारतीय हिमालयी क्षेत्र में संक्रामक रोगों के प्रकोप की प्रवृत्ति में वृद्धि हुई है। सबसे अधिक प्रकोप तीव्र दस्त रोग के लिए रिपोर्ट किया गया था, उसके बाद खाद्य विषाक्तता और चिकनपॉक्स का स्थान था। रिपोर्ट की गई बीमारियों में रेबीज, लेप्टोस्पायरोसिस और स्क्रब टाइफस शामिल थे। एवियन इन्फ्लूएंजा प्रकोप के कारण पक्षियों में मामले और मौतें हुईं। संचरण के तरीके के आधार पर, भारतीय हिमालयी क्षेत्र में खाद्य और जल जनित रोग सबसे अधिक रिपोर्ट किए गए हैं, उसके बाद वायुजनित और वेक्टर जनित रोग हैं।
निष्कर्ष: IHR में संक्रामक रोगों के प्रकोप की प्रवृत्ति में वृद्धि हुई है। इन प्रकोपों के संक्रमण का तरीका राज्यों के लिए अलग-अलग है, जिससे इस क्षेत्र की विशिष्ट स्थिति को समझने और प्रत्येक राज्य की ज़रूरतों और निष्कर्षों के अनुसार हस्तक्षेप करने में मदद मिलेगी।