अदिति, निपुण महाजन, श्रुति रावल और राजेश कटारे
संवहनी वृक्ष पर हाइपरग्लाइसीमिया के गहरे प्रभाव मधुमेह से पीड़ित रोगियों में रुग्णता और मृत्यु दर के प्रमुख कारण हैं। मधुमेह संवहनी रोग (डीवीडी) में एंडोथेलियल डिसफंक्शन और रेटिना वाहिकाओं की माइक्रोएंजियोपैथी के कारण एथेरोस्क्लेरोसिस के त्वरित रूप शामिल हैं। कई अध्ययनों से संकेत मिलता है कि बढ़ा हुआ ऑक्सीडेटिव तनाव मधुमेह संवहनी रोगों के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऑक्सीडेटिव तनाव के कारण होने वाली चयापचय संबंधी असामान्यताएं संवहनी तंत्र में संरचनात्मक और कार्यात्मक परिवर्तनों से जुड़ी होती हैं, जिसके परिणामस्वरूप एथेरोस्क्लेरोसिस और मधुमेह रेटिनोपैथी होती है। ऑक्सीडेटिव तनाव डाउनस्ट्रीम ट्रांसक्रिप्शन कारकों में परिवर्तन लाता है जिसके परिणामस्वरूप जीन अभिव्यक्ति, मायोकार्डियल सब्सट्रेट उपयोग, मायोसाइट वृद्धि, एंडोथेलियल फ़ंक्शन और मायोकार्डियल अनुपालन में परिवर्तन होते हैं। इसके आधार पर, नए और प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट उपचारों की जांच करने की दिशा में एक दृष्टिकोण संवहनी तंत्र पर ऑक्सीडेटिव तनाव के हानिकारक प्रभावों को रोकने में संभावित चिकित्सीय निहितार्थ के रूप में काम कर सकता है। इस समीक्षा का उद्देश्य मधुमेह में संवहनी जटिलताओं के रोगजनन में शामिल अंतर्निहित तंत्रों को समझना है, जिसमें इन जटिलताओं के विकास में ऑक्सीडेटिव तनाव की भूमिका पर विशेष जोर दिया गया है, तथा साथ ही मधुमेह के लिए चिकित्सीय हस्तक्षेप के रूप में एंटीऑक्सीडेंट की भूमिका का वर्णन किया गया है।