शमी अजीत गोखले*, गिरीश बयाकोड, रश्मी हेगड़े, संगीता मुगलीकर, अश्विनी गोखले
पृष्ठभूमि: यह माना गया है कि पीरियडोंटल बीमारी और प्रणालीगत स्थितियों के बीच संबंध धूम्रपान के भ्रामक प्रभावों के कारण हो सकता है । इस प्रकार के अध्ययनों में समय से पहले जन्म या कम वजन वाले बच्चे जैसे प्रतिकूल गर्भावस्था परिणामों की शायद ही कभी जांच की जाती है। यह अध्ययन पीरियडोंटल बीमारी और प्रतिकूल गर्भावस्था परिणामों के बीच संबंधों का मूल्यांकन करता है।
उद्देश्य: इस अध्ययन का उद्देश्य धूम्रपान करने वाली महिलाओं और धूम्रपान न करने वाली महिलाओं में IL-1β और TNF-α के स्तर और प्रतिकूल गर्भावस्था परिणामों के बीच संबंधों की तुलना और मूल्यांकन करना था।
सामग्री और विधियाँ: अस्पताल में भर्ती 40 गर्भवती महिलाओं की जाँच की गई। गर्भावस्था से पहले धूम्रपान या निष्क्रिय धूम्रपान के इतिहास सहित डेटा एकत्र किया गया। उन्नत मसूड़े की सूजन और पीरियोडोंटाइटिस वाले रोगियों का चयन किया गया। ऑपरेशन के 2-4 दिन बाद GCF नमूने एकत्र किए गए। TNF- α और IL-1 β के विश्लेषण के लिए एलिज़ा किट का उपयोग किया गया। एकत्र किए गए नमूनों को तुरंत एक एप्पेनडॉर्फ ट्यूब में स्थानांतरित कर दिया गया और विश्लेषण किए जाने तक -80 डिग्री सेल्सियस पर संग्रहीत किया गया।
परिणाम: अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि टीएनएफ-α और आईएल-1β के स्तर में वृद्धि यह दर्शाती है कि धूम्रपान न करने वाली महिलाओं और धूम्रपान का इतिहास रखने वाली महिलाओं में प्रतिकूल गर्भावस्था के परिणाम, पीरियडोंटाइटिस पर धूम्रपान के भ्रामक प्रभावों के कारण होते हैं ।