हुंडुमा डिंका, टेम्सजेन फ़ाइल, लेमु गोलासा
मलेरिया को प्रायः ग्रामीण गरीबों की समस्या माना जाता है तथा सदियों से शहरी क्षेत्रों में इस रोग की अनदेखी की जाती रही है, क्योंकि यह माना जाता है कि शहरी क्षेत्रों में आर्थिक विकास के परिणामस्वरूप जीवन की बेहतर परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं, जैसे बेहतर आवास, जल निकासी व्यवस्था तथा पर्यावरण में परिवर्तन, जिसके कारण शहरी क्षेत्र मलेरिया रोगवाहकों के प्रजनन के लिए अनुकूल नहीं होते।