वैष्णवी शर्मा
आतंकवाद तेजी से विकसित हो रहा है, और तकनीकी प्रगति के साथ 'आतंक की दुनिया' से नए खतरे उभर रहे हैं। अब, आतंकवाद को रोकने के लिए हमारी क्षमताओं का मूल्यांकन और उन्हें दिशा देना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। यह लेख मानव व्यवहार की मूल बातों का मूल्यांकन करता है और यह बताता है कि आतंकवाद के खिलाफ इसका किस तरह से रणनीतिक इस्तेमाल किया जा सकता है। लेखक ने आतंकवाद अनुसंधान समुदाय के बीच अक्सर उठाए जाने वाले एक महत्वपूर्ण प्रश्न को भी संबोधित किया है - 'आतंकवादी कौन बनता है?'