ऋद्धि आर पटेल*
तुलसी में बहुत ज़्यादा औषधीय गुण हैं। अध्ययनों से पता चला है कि तुलसी रक्त शर्करा के स्तर को कम करके मधुमेह के लिए भी प्रभावी है। इसी अध्ययन में तुलसी के साथ कुल कोलेस्ट्रॉल के स्तर में महत्वपूर्ण कमी देखी गई। एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि रक्त शर्करा के स्तर पर तुलसी का लाभकारी प्रभाव इसके एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण है। राम तुलसी गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम के लिए प्रभावी उपाय है। इसके पत्तों का रस सर्दी, बुखार, ब्रोंकाइटिस और खांसी में राहत देता है। तुलसी के तेल का उपयोग कान की बूंदों के रूप में भी किया जाता है। तुलसी मलेरिया को ठीक करने में मदद करती है। यह अपच, सिरदर्द, हिस्टीरिया, अनिद्रा और हैजा के खिलाफ बहुत प्रभावी है। तुलसी की ताज़ी पत्तियाँ हर दिन लाखों लोगों द्वारा ली जाती हैं। सदियों से तुलसी (जड़ी-बूटियों की रानी) अपने उल्लेखनीय उपचार गुणों के लिए जानी जाती है। आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान प्रभावशाली सबूत पेश करते हैं कि तुलसी तनाव को कम करती है, सहनशक्ति बढ़ाती है, सूजन से राहत देती है, कोलेस्ट्रॉल को कम करती है, विषाक्त पदार्थों को खत्म करती है, विकिरण से बचाती है, गैस्ट्रिक अल्सर को रोकती है, बुखार को कम करती है, पाचन में सुधार करती है और एंटीऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्वों की भरपूर आपूर्ति करती है। तुलसी हृदय, रक्त वाहिकाओं, यकृत और फेफड़ों को सहारा देने में विशेष रूप से प्रभावी है और रक्तचाप और रक्त शर्करा को भी नियंत्रित करती है। हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि तुलसी कई आधुनिक दर्द निवारक दवाओं की तरह COX-2 अवरोधक हो सकती है, क्योंकि इसमें यूजेनॉल (1-हाइड्रॉक्सी-2-मेथॉक्सी-4-एलिलबेन्ज़ीन) की उच्च सांद्रता होती है। तुलसी के फ्लू-रोधी गुण की खोज दुनिया भर के चिकित्सा विशेषज्ञों ने हाल ही में की है। तुलसी शरीर की समग्र रक्षा प्रणाली में सुधार करती है, जिसमें वायरल रोगों से लड़ने की क्षमता भी शामिल है।