कृष्ण मुरारी, नीरज कुमार शर्मा और सुधांशु कुमार भारती
आधुनिक चिकित्सा का युग बायोएनालिटिकल और बायोइन्फॉर्मेटिक्स प्रौद्योगिकियों में हाल ही में हुई प्रगति और इन प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग के माध्यम से उभरने वाले मानव जीव विज्ञान में नवीन अंतर्दृष्टि द्वारा संचालित है। 1895 में एक्स-रे की खोज के बाद से भौतिकी और इसकी खोजें चिकित्सा निदान और उपचार में सबसे आगे रही हैं। तब से, जैविक अनुसंधान एक वर्णनात्मक या घटनात्मक से मात्रात्मक और भविष्य कहनेवाला अनुशासन में बदल रहा है, जिसमें भौतिकी का उपयोग करके स्वतंत्रता की संभावित डिग्री को शामिल किया गया है जिससे जैविक प्रणालियों को समझने के तरीके में बदलाव आया है।