रॉबिन गोगोई, प्रदीप कुमार सिंह, राजेश कुमार, किशोर कुमार नायर, इम्तियाज आलम, चित्रा श्रीवास्तव, सौरभ यादव, मधुबन गोपाल, सम्राट रॉय चौधरी और अरुणव गोस्वामी
IARI में संश्लेषित नए नैनो-सल्फर और तीन अन्य वाणिज्यिक उत्पादों अर्थात् वाणिज्यिक सल्फर (मर्क), वाणिज्यिक नैनो-सल्फर (एमके इम्पेक्स, कनाडा) और सल्फर 80 WP (कोरल कीटनाशक) का भिंडी के एरिसिफे सिचोरेसीरम के विरुद्ध 1000 पीपीएम पर कवकनाशी प्रभावकारिता के लिए इन विट्रो में मूल्यांकन किया गया। सभी सल्फर कवकनाशियों ने नियंत्रण की तुलना में ई. सिचोरेसीरम के कोनिडिया के अंकुरण को काफी कम कर दिया। सबसे कम कोनिडिया अंकुरण IARI नैनो-सल्फर (4.56%) में दर्ज किया गया, उसके बाद कनाडाई नैनोसल्फर (14.17%), मर्क सल्फर (15.53%), सल्फर 80 WP (15.97%) और नियंत्रण (23.09%) का स्थान रहा। IARI नैनोसल्फर के मामले में गैर-अंकुरित कोनिडिया की संख्या भी अधिक थी, उसके बाद कनाडाई नैनो-सल्फर, मर्क सल्फर और सल्फर 80WP का स्थान था। कोनिडिया अंकुरण के अवरोध के अलावा, नैनो-सल्फर के संपर्क में आने से क्लिस्टोथेशियल उपांग भी बाधित हो गए और क्लिस्टोथेशिया
बंजर हो गए। अध्ययन ने साबित किया कि IARI नैनो-सल्फर वाणिज्यिक योगों की तुलना में अधिक प्रभावी है और इसकी बेहतर प्रभावकारिता के लिए पाउडरी फफूंदी रोग को नियंत्रित करने के लिए कम मात्रा में इसका उपयोग किया जा सकता है।