पोखरेल बी.आर., खरेल जी., थापा एल.जे. और राणा पी.वी.एस.
पृष्ठभूमि: स्ट्रोक मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति में कमी के कारण होता है, जिसे आमतौर पर सेरेब्रल वैस्कुलर दुर्घटना (CVA) के रूप में जाना जाता है। युवा लोगों (45 वर्ष से कम) में स्ट्रोक आम नहीं है क्योंकि यह आमतौर पर मध्यम आयु वर्ग और बुजुर्गों में होता है। युवाओं में स्ट्रोक की पूर्ण परिभाषा मौजूद नहीं है, हालाँकि पारंपरिक रूप से "युवा स्ट्रोक" 45 वर्ष से कम उम्र के लोगों के लिए माना जाता है।
उद्देश्य: युवा वयस्कों में इस्केमिक स्ट्रोक की घटना, जोखिम कारकों, एटियलजि और न्यूरोइमेजिंग विशेषताओं की प्रवृत्तियों का विश्लेषण करना।
विधि: इस अध्ययन में 281 स्ट्रोक रोगियों के रिकार्ड की समीक्षा की गई, जिनमें से 33 युवा रोगी थे, जिन्हें 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2013 तक नेपाल के भरतपुर स्थित कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के न्यूरोलॉजी वार्ड में भर्ती कराया गया था। रिकार्ड का विश्लेषण आयु, लिंग, उच्च रक्तचाप (एचटीएन), बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई), धूम्रपान की आदतों, हीमोग्लोबिन (एचबी), मधुमेह (डीएम), लिपिड प्रोफाइल, अलिंद विकम्पन (एएफ) और नैदानिक तथा रेडियोलॉजिकल साक्ष्यों के साथ संवहनी क्षेत्र के आधार पर किया गया।
परिणाम: युवा स्ट्रोक के अधिकांश रोगी 40-45 वर्ष के बीच के थे। 87.8% रोगियों में इस्केमिक स्ट्रोक और 12.2% रोगियों में रक्तस्रावी स्ट्रोक देखा गया। 57.6% रोगियों में मध्य मस्तिष्क धमनी (MCA) इस्केमिया देखा गया और 3% रोगियों में पूर्ववर्ती मस्तिष्क धमनी (ACA) इस्केमिया देखा गया। 9.1% रोगियों में कई रोधगलन देखे गए। उनमें से लगभग आधे धूम्रपान करने वाले थे, 42.4% उच्च रक्तचाप, 18.2% मधुमेह और 9.1% में अलिंद विकम्पन था।
निष्कर्ष: स्ट्रोक 45 वर्ष से कम आयु के युवाओं में भी देखा जाता है। युवा रोगियों में धूम्रपान, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसे सामान्य जोखिम कारक तेजी से पहचाने जा रहे हैं।