अच्युत आर्याल
यह परिचयात्मक लेख मोक्ष सोसाइटी की बौद्धिक संपदा 'मोक्षतीत' को सर्वोच्च कानून और आंतरिक संचार के माध्यम से आंतरिक शांति और साथ ही स्वतंत्रता की ऊंचाई प्राप्त करने की तकनीक के रूप में प्रस्तुत करता है। 'श्रमातीत' ऐसी ऊंचाई है जहां आत्मज्ञान एक संचारक के लिए अपरिहार्य है। कोई भी, चेतन मन और शरीर के भीतर जागृत आत्मा इसे आसानी से अभ्यास कर सकती है। भगवान कृष्ण ने वाग्भट्ट गीता में अपने विचार व्यक्त करने के बाद बहुत से लोगों को मोक्ष प्राप्त हुआ। बाद में भगवान बुद्ध ने इसे और अधिक सहज बना दिया और विभिन्न आत्माओं ने मुक्ति का आनंद लिया। ईसा मसीह ने सभी को मुक्त करने के लिए अपना प्रेम और क्षमा फैलाई। अब, सैकड़ों वर्षों के बाद एक पूर्ण तकनीक तैयार है। अब आप जाने जाते हैं। आप अपने आप को सभी प्रकार के अस्तित्वगत मोह से मुक्त करते हैं। अब आप हमेशा के लिए मुक्त हैं, न श्रम और न ही अश्रम। यहां तक कि उन दोनों के बीच के चक्र में भी नहीं। आपने पार पा लिया है। प्रबुद्ध, मुक्त और श्रमातीत! 2008 ई। से यह संपत्ति मोक्ष सोसाइटी (MS) की है।