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पश्चिमी महाराष्ट्र में रक्तदाताओं में एचआईवी, एचबीवी, एचसीवी और सिफलिस का सीरोप्रिवलेंस और एक नया प्रस्तावित दाता स्क्रीनिंग एल्गोरिदम

वर्षा जी सुल, नंदकुमार एम देशपांडे, प्रदीप ए गाडगिल

पृष्ठभूमि: रक्त शरीर के महत्वपूर्ण घटकों में से एक है। रक्ताधान चिकित्सा जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और इसका जन स्वास्थ्य पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है।

उद्देश्य: यह अध्ययन रक्ताधान से होने वाले संक्रामक संक्रमणों (टीटीआई) की सीरोप्रिवलेंस पर प्रकाश डालता है, साथ ही स्क्रीनिंग परीक्षणों के एल्गोरिदम को संशोधित करके दाताओं से रक्त संग्रह की नीतियों की समीक्षा करता है।

सामग्री और विधियाँ: यह एक पूर्वव्यापी अध्ययन है जिसमें जनवरी 2012 से दिसंबर 2014 तक 3 वर्षों की अवधि के लिए कुल 33,783 रक्त इकाइयों का परीक्षण राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) द्वारा अनुमोदित ELISA विधियों द्वारा किया गया और सिफलिस की जांच के लिए RPR किया गया। परिणाम: कुल दाताओं में HIV, HBsAg, HCV और सिफलिस का सीरोप्रिवलेंस क्रमशः 0.9%, 3.2%, 0.35%, 0.04% था।

निष्कर्ष: रक्ताधान से होने वाले संक्रामक संक्रमणों की व्यापकता में कमी आ रही है, लेकिन रक्ताधान चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए दाता स्क्रीनिंग नीतियों की समीक्षा करने की आवश्यकता है।

अस्वीकृति: इस सारांश का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया है और इसे अभी तक समीक्षा या सत्यापित नहीं किया गया है।