निशांत टूमुला, सतीश कुमार डी, अरुण कुमार और फणींद्र एम
पिछले कुछ वर्षों में, फार्माकोकाइनेटिक्स दवा विकास का एक अभिन्न अंग बनकर उभरा है, खासकर जब किसी दवा के जैविक गुणों की पहचान की जाती है। दवा यौगिकों की फार्माकोकाइनेटिक और चयापचय विशेषताओं को समझना उचित मानव नैदानिक परीक्षणों को डिजाइन करने में आवश्यक है। यह दस्तावेज़ एक नई दवा आवेदन प्रस्तुत करने और अनुमोदित दवाओं की पुनः जांच के लिए आवश्यक फार्माकोकाइनेटिक अध्ययनों के मूल सिद्धांतों का वर्णन करता है।