रमा विजयकुमार और अश्विन आर साबू
एंडोट्रैचियल नवजात पुनर्जीवन का एक अनिवार्य घटक है। बहुत छोटी ट्रेकियल लंबाई और अन्य शारीरिक बाधाओं के कारण, नवजात शिशु में एंडोट्रैचियल ट्यूब (ETT) को सही तरीके से लगाना हमेशा एक मुश्किल काम रहा है। नवजात विज्ञान में हाल ही में हुई कई प्रगतियों के बावजूद, इंट्यूबेशन का एक बड़ा हिस्सा अभी भी अनुचित तरीके से लगाया जाता है। गलत तरीके से लगाए गए ETT से जटिलताएं होने की संभावना अधिक होती है। ये जटिलताएं पाठ्यक्रम के शुरू में ही अपरिवर्तनीय हो सकती हैं, खासकर समय से पहले जन्मे नवजात शिशुओं में। इस पेपर में, हमारा उद्देश्य विभिन्न तरीकों को स्पष्ट करना है जो नवजात शिशुओं में ETT के सटीक स्थान का निर्धारण करने में सहायता करते हैं।