लक्ष्मण सिंह कैरा, ईशा डबराल, रोहित शर्मा, मधुरिमा शर्मा, डीआरवी। कुमार
उद्देश्य: वर्तमान अध्ययन का उद्देश्य उत्तराखंड के एक मेडिकल कॉलेज में आने वाले रोगियों में स्थायी दांतों के नुकसान के कारणों और पैटर्न का पता लगाना है। विषय और विधियाँ: 12 महीने की अवधि (पहली जनवरी 2014-पहली दिसंबर 2014) के दौरान सरकारी मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर गढ़वाल, उत्तराखंड के आउटपेशेंट विंग में आने वाले रोगियों से एकत्र किए गए डेटा का अध्ययन के लिए उपयोग किया गया था। निष्कर्षण के कारणों को इस प्रकार वर्गीकृत किया गया था: (1) दंत क्षय (2) पीरियोडोंटल रोग, (3) एंडोडोंटिक विफलता, (4) आघात, (5) ऑर्थोडोंटिक आवश्यकताएँ, (6) प्रभाव, और (7) अतिरिक्त दांत। परिणाम: कुल 1506 स्थायी दाँत निकाले गए, जिनमें से 662 (43.95%) दाँत क्षय के कारण, 472 (31.34%) दाँत पीरियोडोंटल बीमारी के कारण, 154 (10.4%) दाँतों के टूटने के कारण, 88 (0.58%) दाँतों के टूटने के कारण, 68 (0.45%) दाँतों के टूटने के कारण, और 44 (0.29%) दाँतों के टूटने के कारण तथा 18 (0.11%) दाँतों के टूटने के कारण निकाले गए। निष्कर्ष: वर्तमान अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि अध्ययन की गई आबादी में दाँतों की मृत्यु के मुख्य कारण क्षय और पीरियोडोंटल बीमारी हैं।