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अमूर्त

दक्षिण भारत की शहरी आबादी में लगाव की हानि की व्यापकता और जोखिम संकेतक

सुरेश रंगा राव, एस थानिकाचलम, बीडब्ल्यूसीएस सथियासेकरन, लावु वामसी1, थोदुर मदापुसी बालाजी, जगन्नाथन रघुनाथन

उद्देश्य: दक्षिण भारत की शहरी आबादी में लगाव के नुकसान की व्यापकता और गंभीरता का अनुमान लगाना और संबंधित जोखिम संकेतकों को निर्धारित करना।
सामग्री और तरीके: इस जनसंख्या आधारित क्रॉस सेक्शनल अध्ययन में चेन्नई शहर की शहरी आबादी के एक बड़े सर्वेक्षण प्रतिनिधि से डेटा का एक उपसमूह इस्तेमाल किया गया। नमूने में 17 वर्ष से 87 वर्ष की आयु सीमा के 900 विषय शामिल थे। प्रतिभागियों का एक संरचित प्रोफार्मा का उपयोग करके साक्षात्कार किया गया और प्रति दांत छह साइटों की पूर्ण मुंह नैदानिक ​​​​जांच की गई। नैदानिक ​​​​लगाव स्तर (सीएएल) की व्यापकता और विभिन्न जोखिम संकेतकों के साथ संबंध का आकलन किया गया।
परिणाम: जांचे गए 900 विषयों में से, 868 (96.4%) में सीएएल <5 मिमी और 32 (3.6%) में सीएएल ≥ 5 मिमी था। धूम्रपान (पैक वर्ष) CAL (केंडल का ताऊ गुणांक = 0.098) (p<0.05) के साथ खुराक प्रतिक्रिया प्रभाव प्रदर्शित करता पाया गया। निष्कर्ष: इस शहरी आबादी में, CAL ≥ 5 मिमी का कम प्रचलन देखा गया। मूल्यांकन किए गए जोखिम संकेतकों में, आयु, धूम्रपान और खराब मौखिक स्वच्छता लगाव हानि में महत्वपूर्ण रूप से योगदान करते हैं।

अस्वीकृति: इस सारांश का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया है और इसे अभी तक समीक्षा या सत्यापित नहीं किया गया है।