दीपाली धवन, स्पंदन चौधरी, ख्याति चंद्रात्रे, अर्पिता घोष, नीरज सोजित्रा, संदीप हीरापारा, संजय सिंह और प्रशांत जी बागली
सिकल सेल एनीमिया और β-थैलेसीमिया लक्षणों की सह-वंशानुगतता के लिए चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता होती है। सिकल सेल और β-थैलेसीमिया विकारों वाले व्यक्ति हीमोग्लोबिन का असामान्य रूप या कम संश्लेषण या हीमोग्लोबिन की β-ग्लोबिन श्रृंखलाओं की पूर्ण अनुपस्थिति उत्पन्न करते हैं। इसलिए, प्रभावित व्यक्तियों को नियमित अंतराल पर रक्त आधान की आवश्यकता हो सकती है। भ्रूण हीमोग्लोबिनोपैथी का जन्मपूर्व निदान तब किया जाना चाहिए जब भ्रूण को प्रभावित होने का जोखिम हो। इस अध्ययन का उद्देश्य दोनों रोगों की पहचान में न्यूक्लियोटाइड अनुक्रमण विधि की प्रयोज्यता का आकलन करना और प्रजनन संबंधी विकल्प बनाने के लिए स्पर्शोन्मुख माता-पिता की पहचान करना और उन्हें परामर्श देना था। हम एक ऐसे परिवार में इन लक्षणों का पता लगाने की क्षमता प्रदर्शित करते हैं, जिसके बारे में चिकित्सक के अनुसार β-थैलेसीमिया उत्परिवर्तन होने का संदेह था।