सुश्री प्रियंका दाश, संगीता दीक्षित और सौभाग्यलक्ष्मी साहू
पूरे इतिहास में, मानव सभ्यताओं ने पौधों को गतिज रूप से दरकिनार किया है, जिसने मानवता को बहुत प्रभावित किया है। पौधों में विभिन्न प्रकार के फाइटोकेमिकल और जैव रासायनिक यौगिकों को खतरे में डालने की सुविधा होती है, जिन्हें विभिन्न जैविक कार्यों को करने के लिए अनुकूलित किया जा सकता है। इनमें से कई फाइटोकेमिकल्स का मानव द्वारा सेवन किए जाने पर दीर्घकालिक स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभाव पड़ता है और इनका उपयोग मानव रोगों के इलाज के लिए प्रभावी रूप से किया जा सकता है। वर्तमान शोध पत्र एज़ाडिरेक्टा इंडिका के विभिन्न फाइटोकेमिकल और जैव रासायनिक विश्लेषण से संबंधित है। विश्लेषण मानक विधियों और प्रोटोकॉल का उपयोग करके किया गया था। एज़ाडिरेक्टा इंडिका के मेथनॉलिक पत्ती के अर्क के फाइटोकेमिकल विश्लेषण ने अल्कलॉइड, फ्लेवोनोइड्स, सैपोनिन आदि जैसे जैविक यौगिकों की उपस्थिति दिखाई है, जिनकी तुलना पौधे के जलीय पत्ती के अर्क से की जाती है। जैव रासायनिक विश्लेषण में क्लोरोफिल सामग्री, कार्बोहाइड्रेट सामग्री और प्रोलाइन सामग्री का अनुमान शामिल है। परिणाम बताते हैं कि एज़ाडिरेक्टा इंडिका के अर्क में रोगाणुरोधी, सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों वाले भरपूर मात्रा में फाइटोकेमिकल्स होते हैं।