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अमूर्त

स्वास्थ्य सेवा में सत्य-कथन की नैतिक दुविधा को हल करना: एक केस परिदृश्य का विश्लेषण

मेहदी हयात खान, जुबैदा अख्तर, रिजवाना नरजिस, बुशरा अशरफ, शाजिया तुफैल

अस्पताल में सत्य बोलना (सत्यनिष्ठा) एक प्रमुख घटना मानी जाती है जो कई अन्य नैतिक दायित्वों में योगदान देती है। सत्य बोलने का सिद्धांत रोगियों और उनके परिवारों के रोग, उपचार योजना और उपलब्ध अन्य तरीकों के बारे में सही जानकारी प्राप्त करने के अधिकार को प्रभावित कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि सत्य बोलना और सही निदान का खुलासा तभी किया जाना चाहिए जब रोगी के जीवन को कोई खतरा न हो। सर्जन असमंजस में था कि सर्जरी के दौरान अपनी गलती का खुलासा करके और माफी मांगकर सच बताए या नहीं।

अस्वीकृति: इस सारांश का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया है और इसे अभी तक समीक्षा या सत्यापित नहीं किया गया है।