अमीर हौशांग मोहम्मद अलीज़ादेह, मोहम्मद-तगी मोहम्मद खाह, नवीद सआदत दमघानी, रामिन तलाई, हसन राजाबली निया और आज़म इरफ़ानिफ़र
पृष्ठभूमि: मेटाबोलिक सिंड्रोम (मेट्स) को कई हृदय संबंधी जोखिम कारकों के समूह के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें केंद्रीय मोटापा, ऊंचा उपवास प्लाज्मा ग्लूकोज, उच्च रक्तचाप, डिस्लिपिडेमिया शामिल हैं। दुनिया में मेटएस का प्रचलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है और मेटाबोलिक सिंड्रोम और अन्य बीमारियों के बीच संबंधों के बारे में कई परिकल्पनाएं हैं। इस अध्ययन का उद्देश्य पित्त पथरी रोग वाले रोगियों में मेटाबोलिक सिंड्रोम के प्रचलन का मूल्यांकन करना है।
विधियाँ और सामग्री: पित्ताशय की पथरी रोग से पीड़ित 400 रोगियों को क्रॉस सेक्शनल अध्ययन में शामिल किया गया। मेडिकल फाइलें निकाली गईं और नैदानिक डेटा के आधार पर वयस्क उपचार पैनल III (ATP III) द्वारा मेटाबोलिक सिंड्रोम को परिभाषित किया गया। परिणाम: 213 (53.3%) विषयों में मेटाबोलिक सिंड्रोम का निदान किया गया। इस समूह में, 175 (82.2%) में पित्ताशय और पित्त नली दोनों में पित्त पथरी थी और 38 (17.85) में केवल पित्त नली में। मेटाबोलिक सिंड्रोम के बिना रोगियों में, 127 (67.9%) में पित्ताशय और पित्त नली दोनों में पित्त पथरी थी और 60 (32.1%) में केवल पित्त नली में। इन अनुपातों की तुलना करने पर सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण अंतर पाया गया (P=0.001; ऑड्स अनुपात: 2.18; CI 95%: 1.36-3.47)।
निष्कर्ष: परिणामों से पता चला कि मेटाबोलिक सिंड्रोम और पित्त पथरी रोग के बीच संबंध हो सकता है। इस मूल्यांकन के लिए नियंत्रण समूह के साथ भविष्य में और अधिक अध्ययन आवश्यक है।