सुरेश के. चौहान *
यूजीसी-इन्फोनेट डिजिटल लाइब्रेरी कंसोर्टियम को औपचारिक रूप से वर्ष 2004 में लॉन्च किया गया था। इस कार्यक्रम के माध्यम से, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उन सभी भारतीय विश्वविद्यालयों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध प्रकाशकों की विद्वानों की इलेक्ट्रॉनिक पत्रिकाओं तक मुफ्त पहुंच प्रदान की, जो सीधे यूजीसी के दायरे में आते हैं। यूजीसी-इन्फोनेट को शुरू करने का एक मुख्य उद्देश्य सभी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय विद्वानों के साहित्य की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार करना था। इस पत्र में मनोविज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान आउटपुट की स्थिति का विश्लेषण करने का प्रयास किया जा रहा है। भारत द्वारा और विशेष रूप से उन विश्वविद्यालयों द्वारा तैयार किए गए लेखों का आकलन करने के लिए एक व्यापक मूल्यांकन किया जा रहा है, जो यूजीसी-इन्फोनेट ई-संसाधनों तक स्वतंत्र रूप से पहुँच रहे हैं। मूल्यांकन बिब्लियोमेट्रिक तकनीकों का उपयोग करके किया जाता है जिसमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विद्वानों की पत्रिकाओं में लेख उत्पादन और उद्धरण विश्लेषण के माध्यम से उनकी गुणवत्ता को भी मापा जाता है।