थैंकम थेरेसा पॉल, रानी पलानीस्वामी, एस मनोहरन, उषा उन्नीथन और सरकार यूके
हाल ही में स्लीपिंग जायंट्स के नाम से मशहूर जलाशयों की पहचान मछली उत्पादन के सबसे नजदीकी संभावित वैकल्पिक स्रोत के रूप में की गई है। लेकिन भारत में जलाशयों की औसत मछली उत्पादकता लगभग 30 किलोग्राम/हेक्टेयर है और यह आबादी की मांग की लगातार दोगुनी होती दर से मेल खाने के लिए पर्याप्त नहीं है। इस प्रकार यह शोधपत्र भारतीय जलाशयों के लिए अपनाई गई विभिन्न वृद्धि रणनीतियों पर चर्चा करता है। यह शोधपत्र जलाशयों में मछली पकड़ने को अधिकतम करने के लिए अन्य रणनीतियों के साथ-साथ उत्पादन के जैविक और भौतिक आधार में हेरफेर करके मछली उत्पादन को बढ़ाने पर जोर देता है। विभिन्न रणनीतियों का उपयोग करके मछली उत्पादन में शामिल चुनौतियों पर भी चर्चा की गई है।