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अमूर्त

जन्मजात कोलोनिक स्टेनोसिस का प्रबंधन

राशिद हामिद, इमरान अली, निसार भट, ऐजाज़ ए बाबा, गौहर मुफ़्ती और सज्जाद ए वानी

पृष्ठभूमि: कोलोनिक स्टेनोसिस (सीएस) एक दुर्लभ इकाई है। इसे या तो एक अलग विकार के रूप में या
अन्य विसंगतियों जैसे हिर्शस्प्रंग रोग, क्रैनियोफेशियल और मस्कुलोस्केलेटल असामान्यताओं के साथ रिपोर्ट किया गया है।
इस दुर्लभ विसंगति के प्रबंधन में नैदानिक ​​​​प्रोफ़ाइल और चुनौतियों का अध्ययन करने के लिए यह सर्वेक्षण किया गया था।
सामग्री और विधियाँ: 2007-2014 के दौरान कोलोनिक स्टेनोसिस से पीड़ित 6 रोगियों का पूर्वव्यापी विश्लेषण
। सर्जिकल अन्वेषण के दौरान 5 रोगियों में निदान की पुष्टि की गई।
परिणाम: एक रोगी में कोलोनिक स्टेनोसिस का पता ऑपरेशन से पहले चला। ज्यादातर मामलों में एक्स-रे निष्कर्षों में
कई वायु द्रव स्तर और श्रोणि में गैस अनुपस्थित शामिल थे। सभी रोगी नवजात अवधि में प्रस्तुत किए गए। एक मरीज में आरोही बृहदान्त्र, एक में अनुप्रस्थ बृहदान्त्र, 2 में अवरोही बृहदान्त्र और 2 रोगियों में
सिग्मॉइड बृहदान्त्र स्टेनोसिस था। निष्कर्ष: नवजात शिशु में संदिग्ध आंशिक/पूर्ण आंत्र रुकावट के मामलों का प्रबंधन करते समय कोलोनिक एट्रेसिया को हमेशा ध्यान में रखा जाना चाहिए ।


 

अस्वीकृति: इस सारांश का अनुवाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों का उपयोग करके किया गया है और इसे अभी तक समीक्षा या सत्यापित नहीं किया गया है।