अदहीद खालिद शर्रद और मोहम्मद आज़मी हसली
उद्देश्य: इराकी विश्वविद्यालयों में जेनेरिक दवाओं के बारे में अंतिम वर्ष के मेडिकल छात्रों की धारणाओं और ज्ञान का पता लगाना और उनका मूल्यांकन करना। तरीके: 1 जून 2010 और 31 जुलाई 2010 के बीच छह इराकी सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में चिकित्सा में पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए एक क्रॉस-सेक्शनल सर्वेक्षण किया गया था। परिणाम: 546 मेडिकल छात्रों (प्रतिक्रिया दर 69.6%) से प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। अध्ययन प्रतिभागियों में से 60% से अधिक ने सोचा कि जेनेरिक दवाएं घटिया, कम प्रभावी हैं और ब्रांड नाम वाली दवाओं की तुलना में अधिक दुष्प्रभाव पैदा करती हैं। ये निष्कर्ष इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि अंतिम वर्ष के मेडिकल छात्रों को जैवउपलब्धता और जैवतुल्यता के सिद्धांतों और अवधारणाओं की बेहतर समझ की आवश्यकता है यदि वे जेनेरिक दवाओं के उपयोग में उचित रूप से योगदान देना चाहते हैं। निष्कर्ष: यह अध्ययन स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि इराक में मेडिकल छात्रों में जेनेरिक दवाओं के उपयोग से संबंधित मुद्दों पर समझ की कमी है। इराक में जेनेरिक दवाओं के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए, मेडिकल छात्रों को जेनेरिक दवाओं और जेनेरिक प्रिस्क्राइबिंग से संबंधित मुद्दों पर बेहतर शिक्षा प्राप्त करने की आवश्यकता है। यह वर्तमान चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रम में प्रासंगिक विषयों को शामिल करके प्राप्त किया जा सकता है।