सोमाइह सालेही, नाहिद पारसासिरत और लिडा मोटाघियान
परिचय: इस अध्ययन का उद्देश्य तेहरान/ईरान के प्रथम श्रेणी के छात्रों के बीच व्यवहार संबंधी सिंड्रोम पर प्रारंभिक अअनुकूली स्कीमा थेरेपी की प्रभावशीलता की जांच करना था।
विधियाँ: अध्ययन की जनसंख्या तेहरान में विज्ञान और शिक्षा मंत्रालय के सभी छात्र थे। 180 छात्रों को क्लस्टर रैंडम सैंपलिंग विधि द्वारा चुना गया था। अध्ययन का डिज़ाइन प्री-टेस्ट, पोस्ट-टेस्ट के साथ नियंत्रण समूह था। 90 छात्रों को प्रायोगिक समूह और 90 छात्रों को नियंत्रण समूह के लिए सौंपा गया। दोनों समूहों ने उपचार से पहले और बाद में बाल व्यवहार चेकलिस्ट (CBCL) को पूरा किया। केवल प्रायोगिक समूह को ही उपचार प्राप्त हुआ।
परिणाम: परिणामों से पता चला कि प्रारंभिक मैलाडैप्टिव स्कीमा थेरेपी ने पहली कक्षा के छात्रों के बाह्यकरण और आंतरिककरण व्यवहार सहित व्यवहार संबंधी सिंड्रोम में सुधार किया। परिणामों से पता चला कि प्री-टेस्ट और पोस्ट-टेस्ट (पी<0.001) में बच्चों में सीबीसीएल के सभी उप-पैमानों के बीच महत्वपूर्ण अंतर है।
निष्कर्ष: माता-पिता को अपने स्वयं के स्कीमा के कारण होने वाले अक्रियाशील, अनुपयुक्त भावनात्मक और व्यवहार पैटर्न से छुटकारा पाने के लिए प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया जाता है। स्कूल की उम्र के दौरान अन्य व्यवहार संबंधी समस्याओं को रोकने के लिए सभी प्रथम श्रेणी के छात्रों के लिए इस थेरेपी को लागू करने की सिफारिश की जाती है।