लिन म्याट और गी-ह्युंग रयु
बायोमास के किण्वनीय शर्करा में जैव रूपांतरण दर को बढ़ाने के लिए पूर्व उपचार तकनीक विकसित की गई है। इस शोध का उद्देश्य विभिन्न पिघल तापमान 95, 115 और 135 डिग्री सेल्सियस पर थर्मोस्टेबल α-एमाइलेज इंजेक्शन के साथ मकई स्टार्च एक्सट्रूडेट्स के कार्यात्मक गुणों, इथेनॉल सामग्री और रूपांतरण (%) पर एक्सट्रूज़न की जांच करना था। इथेनॉल उत्पादन के लिए सैकरोमाइसिस सेरेविसे (ATCC 24858) का उपयोग किया गया था। वर्तमान अध्ययन में, पिघल तापमान 115 डिग्री सेल्सियस पर एक्सट्रूज़न प्रक्रिया के दौरान थर्मोस्टेबल α-एमाइलेज के इंजेक्शन द्वारा इथेनॉल उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि हासिल की गई थी। डेटा ने स्पष्ट रूप से दिखाया कि थर्मोस्टेबल α-एमाइलेज इंजेक्शन ने किण्वन अवधि से 24 से 48 घंटे तक पिघल तापमान 115 डिग्री सेल्सियस पर इथेनॉल सामग्री में उल्लेखनीय वृद्धि (p<0.05) दी। थर्मोस्टेबल α-एमाइलेज इंजेक्शन के साथ एक्सट्रूज़न के बाद प्रत्यक्ष किण्वन द्वारा औद्योगिक जैव-इथेनॉल उत्पादन और सैकरिफिकेशन चरण को छोड़ना अमेरिका जैसे देशों में इथेनॉल उत्पादन लागत को कम करने में बहुत प्रभावी होगा। इसलिए, थर्मोस्टेबल α-एमाइलेज इंजेक्शन के साथ एक्सट्रूडेड कॉर्न स्टार्च से इथेनॉल उत्पादन एक महत्वपूर्ण खोज है, जिसे इथेनॉल उत्पादन के लिए जैव रूपांतरण दर में सुधार करने के लिए लागू किया जा सकता है।