इलिका घोष, सोनिया पोद्दार और अनिता मुखर्जी
वर्तमान अध्ययन में हिबिस्कस सब्दारिफा एल. (रोसेल) कैलिक्स अर्क के एंटीजेनोटॉक्सिक गुण की परिकल्पना की गई है, जो संभवतः इसके एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण है। रोसेल के सूखे कैलिक्स अर्क को 7 दिनों के लिए 50, 100 और 150 मिलीग्राम/किलोग्राम शरीर के वजन की खुराक पर नर एल्बिनो चूहों को दिया गया, उसके बाद सोडियम आर्सेनाइट (2.5 मिलीग्राम/किलोग्राम शरीर के वजन) के इंटरपेरिटोनियल (आईपी) इंजेक्शन की एक खुराक दी गई और व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले कॉमेट परख द्वारा डीएनए क्षति की सीमा का विश्लेषण किया गया। परिणामों से पता चला कि रोसेल के कैलिक्स अर्क ने खुराक पर निर्भर तरीके से सोडियम आर्सेनाइट द्वारा प्रेरित डीएनए क्षति को रोका। पॉलीफेनोल और फ्लेवोनोइड जैसे फाइटोकेमिकल घटकों की उपस्थिति को देखे गए परिवर्तनों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। एंटीऑक्सीडेंट प्रभावकारिता की पुष्टि फेरिक रिड्यूसिंग एंटीऑक्सीडेंट पावर (एफआरएपी) और 2, 2-डाय (4-टर्ट-ऑक्टाइलफेनिल)-1-पिक्रिलहाइड्राजिल (डीपीपीएच) परख के द्वारा की गई।