रेड्डी धीरज*, गौतम राजगणेश, मेहता कुणाल, कालिया अजीत
उद्देश्य: यह निर्धारित करना कि क्या उपचार-पूर्व चेहरे की तस्वीरों के संपर्क में आने से मरीजों की दंत-चेहरे संबंधी आकर्षण की आत्म-धारणा पर अधिक व्यापक उपचार के लिए प्रभाव पड़ा है ।
सामग्री और विधियाँ: 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के भारतीय जनसंख्या के कुल 50 विषयों (अध्ययन समूह में 25 और नियंत्रण समूह में 25) का चयन किया गया। प्रत्येक प्रतिभागी के लिए क्रमशः चेहरे के सामने और प्रोफ़ाइल दृश्य की तस्वीरें ली गईं, दोनों आराम और मुस्कुराते हुए। केवल अध्ययन समूह के विषयों को ही उनकी अपनी छवियों की एक मुद्रित प्रति दी गई थी, जिसे प्रारंभिक अवलोकन अवधि (T0) और 30 दिन बाद (T1) के बीच घर पर जांचना था। अध्ययन में शामिल 50 विषयों में से प्रत्येक ने (T0) और (T1) पर एक प्रश्नावली पूरी की, जिसमें उनकी मुस्कान और उनके चेहरे की रूपरेखा की सराहना के साथ-साथ ऑर्थोडोंटिक उपचार से गुजरने की इच्छा भी शामिल थी ।
परिणाम: अध्ययन समूह में 56% विषयों ने (T1) पर अपने चेहरे की प्रोफाइल के बारे में (T0) की तुलना में कम राय दी, और 36% और 32% विषय क्रमशः अपनी मुस्कान और प्रोफाइल की उपस्थिति को बदलने के लिए अधिक व्यापक प्रक्रियाओं से गुजरने के लिए तैयार थे। नियंत्रण समूह में (T0) और (T1) के बीच प्रश्नावली के उत्तरों में कोई सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं देखा गया।
निष्कर्ष: जब तक तस्वीरों के संपर्क में न आएं, मरीज़ आम तौर पर अपने चेहरे की रूपरेखा के बारे में नहीं जानते। उपचार-पूर्व मुस्कान और प्रोफ़ाइल फ़ोटो के संपर्क में आने से व्यक्ति की डेंटोफ़ेशियल आकर्षण की आत्म-धारणा और अधिक व्यापक ऑर्थोडॉन्टिक उपचार से गुज़रने की इच्छा प्रभावित हुई।