दीपेश दुबे, बीना ढकाल, कल्पना धामी, पूनम सपकोटा, मौसमी राणा, नबीन शर्मा पौडेल, लक्ष्मण आर्यल
यह अनुसंधान मशरूम हाउस, कृषि एवं पशु विज्ञान संस्थान (आईएएएस), पकलिहावा, भैरहवा में जनवरी से मार्च 2015 के दौरान किया गया। अध्ययन का उद्देश्य ऑयस्टर मशरूम (प्लुरोटस साजोर काजू) के प्रदर्शन पर विभिन्न सबस्ट्रेट्स के प्रभाव को निर्धारित करना था। ऑयस्टर मशरूम की खेती के लिए उपचार के रूप में चुने गए विभिन्न सबस्ट्रेट्स चावल के भूसे (टी1), गेहूं के भूसे (टी2), केले के पत्ते (टी3) और गन्ने की खोई (टी4) थे, जिनमें से प्रत्येक की मात्रा 4.5 किग्रा थी और इसे 4 बार दोहराया गया। प्रयुक्त प्रायोगिक डिजाइन एकल कारक पूर्णतया यादृच्छिक डिजाइन (सीआरडी) था। सबसे अधिक उपज (1515 ग्राम) सबसे अधिक स्टाइप लंबाई (4.86 सेमी) और कैप व्यास (5.14 सेमी) के साथ चावल के भूसे से प्राप्त हुई, इसके बाद अन्य सबस्ट्रेट्स का स्थान रहा। विश्लेषण से पता चला कि मशरूम उत्पादन, 3.498 के बीसी अनुपात के साथ अन्य कृषि अवशेषों की तुलना में चावल के भूसे से आर्थिक लाभ के मामले में सबसे उपयुक्त था।