वनिता एस और रामजगतेश आर
कोलियस राइजोस्फीयर से स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस के दस अलग-अलग उपभेदों को अलग किया गया, सिवाय pf1 उपभेद के और जैव रासायनिक परीक्षणों द्वारा उनकी पहचान की गई। इन उपभेदों की जांच मैक्रोफोमिना फेसियोलिना (टैसी) गोइड के खिलाफ की गई, जो कोलियस रूट रॉट का कारण बनने वाला जीव है। परिणामों से पता चला कि Pf1 उपभेदों ने नियंत्रण के खिलाफ माइसेलियल विकास का अधिकतम अवरोध दर्ज किया। स्यूडोमोनास उपभेदों के तंत्र अर्थात् आयरन-चेलेटिंग एजेंट (साइडरोफोर), वाष्पशील (HCN) और एंटीबायोटिक (फ्लोरोसेन और पियोसायनिन) उत्पादन परीक्षणों का अध्ययन किया गया और साइडरोफोर , एंटीबायोटिक और HCN उत्पादन के लिए प्रतिक्रिया की गई। Pf1 और CPF1 का टैल्क-आधारित फॉर्मूलेशन तैयार किया गया और ग्रीनहाउस स्थितियों के तहत जैव-प्रभावकारिता का परीक्षण किया गया। Pf1 के टैल्क-आधारित फॉर्मूलेशन के तने की कटाई और मिट्टी के अनुप्रयोग ने जड़ सड़न की घटनाओं को काफी कम कर दिया और टहनियों और कंद की लंबाई भी बढ़ा दी।