गेटाच्यू टेक्ले
ह्यूमन इम्यूनो डेफिसिएंसी वायरस (एचआईवी) वह वायरस है जो एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम (एड्स) का कारण बनता है। एचआईवी कुछ प्रकार की श्वेत रक्त कोशिकाओं पर हमला करता है और उन्हें नष्ट कर देता है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, संक्रमण से लड़ने के लिए मानव शरीर की जैविक क्षमता के लिए आवश्यक हैं। इस अध्ययन का मुख्य उद्देश्य कुछ सामाजिक-आर्थिक, जनसांख्यिकीय और स्वास्थ्य कारकों का पता लगाना था जो एआरटी फॉलो-अप के तहत एचआईवी पॉजिटिव लोगों के जीवित रहने/मृत्यु की स्थिति को प्रभावित करते हैं। यह दक्षिण इथियोपिया के ओटोना अस्पताल में एआरटी क्लिनिक के डेटा पर आधारित एक क्रॉस सेक्शनल अध्ययन है। एचआईवी संक्रमित रोगियों के जीवित रहने के समय पर सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाले सहसंयोजकों की पहचान करने के लिए वर्णनात्मक विश्लेषण और बाइनरी लॉजिस्टिक प्रतिगमन की विश्लेषणात्मक पद्धतियों का उपयोग किया गया था। वोलाइटा सोडो यूनिवर्सिटी रेफरल अस्पताल के एआरटी क्लिनिक से अध्ययन के लॉजिस्टिक प्रतिगमन विश्लेषण ने यह पुष्टि करते हुए परिणाम दिए कि आयु, वजन, सीडी4 स्तर, कार्यात्मक स्थिति, टीबी उपचार और सेक्स उपयोग जैसे कारकों का रोगियों के जीवित रहने पर सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। शोधकर्ताओं को अध्ययन के इस क्षेत्र अर्थात स्वास्थ्य केंद्रों और एआरटी कार्यक्रम के चिकित्सा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।