अडू ईएम, उकवामेडु एचए और ओघागबोन ईएस
पृष्ठभूमि: मधुमेह की एक आम विशेषता डिस्लिपिडेमिया हृदय संबंधी जटिलताओं का कारण बनती है। सस्ते और नियमित बायोमार्कर की अनुपस्थिति के कारण इन जटिलताओं का समय रहते पता नहीं चल पाता है।
उद्देश्य: इसलिए, इस अध्ययन का उद्देश्य इस क्षेत्र में एथेरोजेनिक गुणांक (एसी), कार्डियक जोखिम अनुपात (सीआरआर), प्लाज्मा के एथेरोजेनिक सूचकांक (एआईपी) और गैर-एचडीएल-कोलेस्ट्रॉल (एपोलिपोप्रोटीन बी के लिए सरोगेट मार्कर) का उपयोग करके मधुमेह मेलेटस वाले व्यक्तियों के हृदय संबंधी जोखिम सूचकांक का आकलन करना है।
विधियाँ: सीरम कुल कोलेस्ट्रॉल (टीसी), ट्राइग्लिसराइड्स (टीजी), उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल-सी), निम्न घनत्व वाले लिपोप्रोटीन-कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल-सी), अति निम्न घनत्व वाले लिपोप्रोटीन-कोलेस्ट्रॉल (वीएलडीएल-सी) के साथ-साथ हृदय संबंधी जोखिम सूचकांक (हृदय जोखिम अनुपात (सीआरआर), एथेरोजेनिक गुणांक (एसी), प्लाज्मा का एथेरोजेनिक सूचकांक (एआईपी) और गैर-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल) का मूल्यांकन किया गया।
परिणाम: मधुमेह के टीसी, टीजी, एलडीएल-सी, वीएलडीएल-सी और साथ ही सभी कार्डियोमेटाबोलिक जोखिम सूचकांक नियंत्रण विषयों की तुलना में काफी अधिक (पी<0.05) पाए गए। मधुमेह में एचडीएल-सी नियंत्रण विषयों की तुलना में काफी कम (पी<0.05) पाया गया।
निष्कर्ष: परिणाम मधुमेह के हृदय संबंधी जटिलताओं के लिए अधिक प्रवृत्ति को इंगित करते हैं। इसलिए हम लिपिड प्रोफाइल के भाग के रूप में इन सूचकांकों के नियमित उपयोग की वकालत करते हैं ताकि किसी भी हृदय संबंधी जटिलता को समय रहते रोका जा सके।