सौरभ राम बिहारी लाल श्रीवास्तव, प्रतीक सौरभ श्रीवास्तव और जेगदीश रामासामी
हाल के दशकों में, गैर-संचारी रोग (एनसीडी) दुनिया भर में सबसे बड़ी जानलेवा बीमारी बनकर उभरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी हाल के अनुमानों से पता चलता है कि सालाना आधार पर करीब 40 मिलियन लोग एनसीडी और उनसे जुड़ी जटिलताओं के शिकार होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) दृढ़ता से वकालत करता है कि सभी वयस्कों और बच्चों को अपने दैनिक सेवन को अपने कुल ऊर्जा सेवन के 10% से कम तक कम करना चाहिए। चूंकि दुनिया भर में विषम परिस्थितियां प्रचलित हैं, इसलिए प्राथमिक चुनौती इन सिफारिशों को मौजूदा पोषक तत्व दिशानिर्देशों और आहार लक्ष्यों के साथ इस तरह से जोड़ना है कि ये स्वस्थ प्रथाएं समुदाय के दूरदराज के वर्गों तक पहुंच सकें। निष्कर्ष रूप में, यह समय की मांग है कि न केवल गंभीरता से विचार किया जाए बल्कि नीतियों में विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिशों को शामिल किया जाए ताकि भविष्य में गैर-संचारी रोगों की महामारी को रोका जा सके।