रीता कुमारी
प्राचीन काल से ही भारत में पुरुषों के पाखंड और महिलाओं के साथ भयानक हिंसा के अलग-अलग उदाहरण हर दिन देखने को मिलते हैं, लेकिन हर बार समाज महिलाओं को ही दोषी ठहराता है, समाज और धर्म की खोखली रूढ़ियाँ पुरुषों का साथ देती हैं, महिलाओं का नहीं। 19वीं सदी में पितृसत्ता के खिलाफ़ आवाज़ उठाने वाली महिलाओं में से एक नाम ताराबाई शिंदे का भी है। शोध परिकल्पना का मुख्य उद्देश्य ताराबाई शिंदे के बारे में शोध दिशा-निर्देश और निष्कर्ष प्रदान करना है, जो अभी तक सामने नहीं आए हैं। साथ ही, शोधकर्ता को यह जानने के लिए एक शोध दिशा-निर्देश प्रदान किया जाएगा कि 19वीं सदी में महिलाओं की वास्तविक स्थिति के बारे में कितना कुछ अभी भी रहस्यमय है और वर्तमान युग पर ताराबाई के लेखन का क्या प्रभाव है।